About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Saturday, August 20, 2011

चाहत

मैने उसको  इतना चाहा की उसको चाँद के बराबर माना 
उसने अपने बराबर पहुँचने के लिए 
मुझे सितारा बनने को कहा 
और जब मैने अपने आप को मारकर सितारों में पहुँचाया 
तो उसने इतने सितारों में मुझे पहचाना ही नहीं 
मैं उसके साथ के लिए  
टूट कर गिर गयी ,लेकिन
उसके हाथ नहीं उठे ,हाँ ,
मांगने वालो ने मुझे टूटता सितारा समझ कर 
अपनी दुआ मंगनी शुरू कर दी 

अगस्त/११

No comments:

Post a Comment