About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Friday, August 26, 2011

यादें


वो मेरी राह में फूल बिछाता रहा 
और मैं किसी और की बाँहों में झूलती रही 
वो मुझसे बिछड़ कर तनहाइयों से डरने लगा 
मैं किसी से मिलकर तन्हाइयों का इंतज़ार करने लगी 
उसे अकेलापन डराता रहा,काटता रहा,
और मैं,मुझे मेरा अकेलापन गुदगुदाता रहा
वो चाँद की तरह मेरे साथ चलता रहा 
और मैं किसी के कांधेपर सर रख चलती रही,
वो मेरे इंतज़ार में ,अपनी जिंदगी ही छोड़ गया,
और मैं किसी को अपनी ज़िंदगी समझ 
जीती रही जीती रही 
यादें ,यादें रह जाती हैं 
लोग चले जाते हैं 
जब वो इतनी दूर चले जाते हैं 
जहाँ से किसी का लौटना मुमकिन नहीं 
तब कहीं जाकर हमें 
उसकी यादें झाग्झोरती हैं 
पर यादें,जो बहुत रुलाती हैं ......,....

22/7/10

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