ये शाम का अँधियारा घिर रहा है
या फिर मेरी ऑंखें भिगो गया कोई
ये आसमान की लालिमा है या
मेरी आँखों की नमी
ये रात का गहराता आलम है या
फिर मुझे जिंदगी दिखा गया कोई
ये काले काले बदल हैं या
मेरा (चेहरा ) आइना दिखा गया कोई
ये जिंदगी है या
सच्चाई दिखा रहा कोई
ये ढलती शाम है या
मेरी ढलती जिंदगी दिखा गया कोई .......
शाम 23/7/11
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