About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Saturday, August 20, 2011

ये शाम का अँधियारा घिर रहा है
या फिर मेरी ऑंखें भिगो गया कोई 
ये आसमान की लालिमा है या 
मेरी आँखों की नमी 
ये रात का गहराता आलम है या 
फिर मुझे जिंदगी दिखा गया कोई 
ये काले काले बदल हैं या 
मेरा (चेहरा ) आइना दिखा गया कोई
ये जिंदगी है या 
सच्चाई दिखा रहा कोई 
ये ढलती शाम है या 
मेरी ढलती जिंदगी दिखा गया कोई .......




शाम 23/7/11

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