About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Wednesday, August 31, 2011

कौन हूँ मैं

मैं एक लड़की हूँ 

       अभी बिटिया ही मेरी पहचान है 
मैंने राजसी घराने में  जनम लिया है 
        मुझे राजघराने की तरह रहना है 
मुझे मिटटी के खिलोने से नहीं खेलना चाहिए 
        मुझे बाहर गलियों में सखियों के साए
आँख - मिचोली , खो खो नहीं खेलना चाहिए 
         मुझे अपने कमरे में गुड्डे गुडिया से खेलना है 
मुझे दसियों से ज्यादा बात नहीं करनी है ! 
         अब मैं युवा हूँ, 
         शादी शुदा हूँ  
मुझे मेरे पति की सारी अच्छाइयों और 
         बुराइयों के साथ अपनाना है 
बिना कोई प्रश्न किए अभी मुझे सबकी बातें सुन्नी हैं 
         क्योंकि में दूसरे घर (ससुराल) में हूँ 
अब मेरी पहचान मेरे बच्चों की माँ के रूप में हैं 
         अभी मुझे सिर्फ माँ का फ़र्ज़ निभाना है 
अब मैं अधेड हूँ ,
                     मेरे बच्चों की शादी हो चुकी हैं 
इसलिए मुझे नाती पोते खिलाने  हैं 
          मेरा बूढ़ा पति मेरे साथ है 
मुझे उसकी सेवा में भी लीन रहना है 
          और अब 
अब मैं एक लाश हूँ 
        जिसके जाने से किसी को ---------
पर मेरा खाली एक सवाल है 
      इतने रूपों में मेरा वजूद कहाँ है 
बिटिया , बीवी , बहु , बेहेन , दादी , नानी 
     मैं सब कुछ हूँ लेकिन 
मैं,मैं कहाँ हूँ , ये सब तो रिश्ते हैं 
    इन रिश्तों में मैं कहाँ हूँ 
              मैं कौन हूँ                                                
१/८/११

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