About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Tuesday, August 30, 2011

अधूरे सपने

सबने कहा हम तेरे साथ हैं
    लेकिन जब मैंने आखिरी साँस ली 
कोई मेरे साथ नहीं था,
 मैं थी और थे मेरे अधूरे सपने ,
जिन्हें मेने दिन रात 
     इस इंतज़ार में संजोया था कि
कभी तो वो मेरे सपने पूरे करेगा,
       अब ना वो सपने हैं और ना वो 
जो शायद खुद  भी मेरे सपनों को 
      पूरा ना कर पाने के कारण
दिन रात अंदर ही अंदर टूट रहा था,
       कोई नही है मेरे ......
१५/८/११

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