कभी खुद से ही सवाल पूछता है दिल ,
कि केसा जीवन साथी चाहा था तुमने
यही जो है तुम्हारे साथ
या कोई सपनों का सौदागर
खुद को क्या जवाब दूँ
समझ नही पाती ,क्योंकि
सौदागर तो ये भी है !
कभी सपने दीखाता है,कभी तोड़ता है.
खुद से झूठ भी नही बोल सकती
कि खुश हूँ ,या खुश नही हूँ ,
दोनो ही बातें झूठी होंगी ,
लेकिन जीवन साथी ऐसा चाहती हूँ
जो हमेशा मेरे साथ रहे /
चाहे मेरे डर कि तरह ही रहे
जो हमेशा मेरे दिल में रहता है.....
कि केसा जीवन साथी चाहा था तुमने
यही जो है तुम्हारे साथ
या कोई सपनों का सौदागर
खुद को क्या जवाब दूँ
समझ नही पाती ,क्योंकि
सौदागर तो ये भी है !
कभी सपने दीखाता है,कभी तोड़ता है.
खुद से झूठ भी नही बोल सकती
कि खुश हूँ ,या खुश नही हूँ ,
दोनो ही बातें झूठी होंगी ,
लेकिन जीवन साथी ऐसा चाहती हूँ
जो हमेशा मेरे साथ रहे /
चाहे मेरे डर कि तरह ही रहे
जो हमेशा मेरे दिल में रहता है.....
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