About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Monday, August 29, 2011

हकीकत

ना जाने क्यों हर समय खोई खोई रहती हूँ 
              अपने ही बुने सपनों को जीने के लिए 
हर समय सोई सोई रहती हूँ ,
           हकीकत में जब सब अंजाना सा लगता हैं
तब अपने ही लिए रोई -रोई फिरती हूँ 
          ना जाने क्यों 
हकीकत में जी नहीं पाती,
      इसी जीने के लिए ,शायद ,
हर समय खोई-खोई रहती हूँ..१२/४/२००६ 

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