About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Friday, September 2, 2011

आशियाँ

तुम मुझे ऐसे ना देखा करो 
अब जाओ एक आशियां बना लाओ 
चाँद पर घर हो जहां 
           सितारों से उसको सजाओ ,
आँखों में आखें डालकर 
  रात भर कोई गीत गुनगुनाओ 
           मेरे रूठ जाने पर 
तुम अपने से भी रूठ जाओ,
      मुझे मनाने की जिद में 
तुम अपने को ही भूल जाओ 
      अब जाओ, एक आशियाँ बना लाओ ...
                           ५/८/११

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