मैं उससे कभी मिली तो नहीं थी,
लेकिन फोन पर उसका यह संवादी स्पर्श था
यह एक विरल संवाद था
जिसका हर शब्द छुअन भरा था
इन्हीं खिड़कियों को खोल खोल कर
हम एक दूसरे को झांक रहे थे
उसकी बातों का स्पर्श
मुझे पुलकित कर रहा था.
मेरा सारा शरीर झनझना रहा था,
वो कैसा था नही जानती,लेकिन
उसकी वाणी की सुंदरता मेरे कानों में ही नहीं
मेरे दिल में समा रही थी ,
और मेरी आवाज़ का पुलकित होना
उसे भी महसूस हो रहा था,
ये ही थी हमारी
पहली संवादी छुअन ....
Bahut hi Dilchasp Vartaalaap!!!
ReplyDeleteLuvd it!!!
thank u,sooo much.rupa ji.
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