About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Saturday, September 24, 2011

पहला स्पर्श

मैं उससे कभी मिली तो नहीं थी,
        लेकिन फोन पर उसका यह संवादी स्पर्श था 
यह एक विरल संवाद था 
   जिसका हर शब्द छुअन भरा था 
इन्हीं खिड़कियों को खोल खोल कर 
         हम एक दूसरे को झांक रहे थे
उसकी बातों का स्पर्श 
         मुझे पुलकित कर रहा था.
मेरा सारा शरीर झनझना रहा था,
           वो कैसा था नही जानती,लेकिन 
उसकी वाणी की सुंदरता मेरे कानों में ही नहीं 
             मेरे दिल में समा रही थी ,
और मेरी आवाज़ का पुलकित होना 
        उसे भी महसूस हो रहा था,
 ये ही थी हमारी 
      पहली संवादी छुअन ....

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