जब तुम्हें मुझसे जुदा किया गया तो
मुझे तुम्हारे मिलन की प्यास थी
ये तुम्हारे मिलन की ही प्यास थी
कि मैने राह में कुंआ बनवाया था
ये तेरे दीदार की ही प्यास थी
कि मैने हर आते जाते राहगीरों की प्यास पहचानी
वो पानी पीकर प्यास बुझाते हैं
तो मुझे तुम्हारे मिलन का एक घूंट
पानी प्राप्त होता है.
राह चलते मुसाफिरों का ठंडा पानी पीना
मुझे तेरे दीदार का घूंट देता है..
२७/२/२००१
मुझे तुम्हारे मिलन की प्यास थी
ये तुम्हारे मिलन की ही प्यास थी
कि मैने राह में कुंआ बनवाया था
ये तेरे दीदार की ही प्यास थी
कि मैने हर आते जाते राहगीरों की प्यास पहचानी
वो पानी पीकर प्यास बुझाते हैं
तो मुझे तुम्हारे मिलन का एक घूंट
पानी प्राप्त होता है.
राह चलते मुसाफिरों का ठंडा पानी पीना
मुझे तेरे दीदार का घूंट देता है..
२७/२/२००१
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