About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Thursday, September 1, 2011

प्यास

जब तुम्हें मुझसे जुदा किया गया तो 
मुझे तुम्हारे मिलन की प्यास थी 
ये तुम्हारे मिलन की ही प्यास थी 
कि मैने राह में कुंआ बनवाया था 
ये तेरे दीदार की ही प्यास थी 
कि मैने हर आते जाते राहगीरों की प्यास पहचानी 
वो पानी पीकर प्यास बुझाते हैं 
तो मुझे तुम्हारे मिलन का एक घूंट 
पानी प्राप्त होता है.
राह चलते मुसाफिरों का ठंडा पानी पीना 
मुझे तेरे दीदार का घूंट देता है..


२७/२/२००१ 

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