एक एक मोती पिरो रही हूँ
माला में,
कोई जो पूछे तो बता देती हूँ कि
अपनी जिंदगी समेट रही हूँ
बहुत सालों का बिखराव है,
जल्द ही खत्म होने वाला है.
इस बिखराव को समेट लूँ तो चलूँ
बस एक ही गुजारिश है
मैं जब भी अफसाना बन जाऊं तो
तुम मेरा अफसाना
मेरी जिंदगी की तरह
बिखरा बिखरा के ना सुनाना
सारा बिखरा जीवन एक माला में
पिरो रही हूँ,तुम सबको ये ही सुनाना
कतरा कतरा बिखरा जीवन नहीं .......
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