About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Friday, September 16, 2011

वापसी

मुझसे हाथ छुड़ाने वाले,
           क्या तुम मुझे मेरे,बीते दिन भी वापिस दे पाओगे,
क्या तुम मुझे ,मेरी वही पहले वाली हंसी,
     लौटा सकोगे,
        वही अल्हडपन,वही मस्ती,वही जोश
भर सकोगे,
     जो कहीं तुम्हारे लिए मैने दिन रात 
बंद कमरे में,धुंए भरी रसोई में,
     पीड़ा भरी रातों में 
दिन रात तकिये भिगोते हुए 
     तुम्हारे हरदम के ताने सुन सुन कर 
कहीं गुमां दिए हैं,
    क्या मुझे वापिस भेजते हुए 
ये सब भी वापिस कर पाओगे
           क्या मेरा योवन जो पता नही 
कब मुझसे छिन गया,
    तुम वो मुझे दोगे 
मेरी रूह जो इतने बरसों तडप तड़पकर 
 कहीं दफन हो गई है,उसे जिन्दा कर पाओगे...

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