About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Sunday, September 25, 2011

दूर

किसी से दूर जाने के बाद
        महसूस होता है कि वो
हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण था
        हमे उससे कितना स्नेह,कितना प्यार था
वो हमारे लिए क्या था
   ये उसके दूर जाने के बाद ही पता चलता है.
अभाव में ही व्यक्ति का बोध होता है,
शायद इसीलिए
      अनुपस्थिति ज्यादा महत्वपूर्ण होती है
इक उम्र में रिश्ते ज्यादा
        जीवंत होते हैं.
वैसे भी हम तन से दूर हैं
     मन से नहीं मेरे सहचर .....
  

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