किसी से दूर जाने के बाद
महसूस होता है कि वो
हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण था
हमे उससे कितना स्नेह,कितना प्यार था
वो हमारे लिए क्या था
ये उसके दूर जाने के बाद ही पता चलता है.
अभाव में ही व्यक्ति का बोध होता है,
शायद इसीलिए
अनुपस्थिति ज्यादा महत्वपूर्ण होती है
इक उम्र में रिश्ते ज्यादा
जीवंत होते हैं.
वैसे भी हम तन से दूर हैं
मन से नहीं मेरे सहचर .....
महसूस होता है कि वो
हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण था
हमे उससे कितना स्नेह,कितना प्यार था
वो हमारे लिए क्या था
ये उसके दूर जाने के बाद ही पता चलता है.
अभाव में ही व्यक्ति का बोध होता है,
शायद इसीलिए
अनुपस्थिति ज्यादा महत्वपूर्ण होती है
इक उम्र में रिश्ते ज्यादा
जीवंत होते हैं.
वैसे भी हम तन से दूर हैं
मन से नहीं मेरे सहचर .....
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