About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Thursday, September 8, 2011

वायदा

ये तुम मेरे कानो में ,क्या कह गए
   मैं बुत बन गई हूँ, वहीं दरवाजे पे खड़ी रह गई हूँ,
तुम्हारी प्रतिक्षा में,
             बरसो बाद भी ,आँखे टकटकी लगाये निहार रही हैं 
तुम्हारा रास्ता,
      शायद तुम भूल गए कि
तुमने इंतज़ार करने के लिए कहा था 
          जिन हाथों को अपने हाथों में लेकर 
तुम ये वादा करके गए थे कि
       मैं जल्द आऊंगा, मेरा इंतज़ार करना 
मुझे भूल ना जाना ,
     मैंने उन हाथों को वैसे ही रखा है,
अपनी पथराई आँखों के साथ,
          अब थोडा सा झुक गई हूँ 
आँखे भी  थोड़ी धुंधला सी गई हैं,
    लेकिन मैं वहीँ खड़ी हूँ 
जहाँ तुम वादा करके गए थे,
                मैं रोई भी नहीं 
क्योंकि इन आँखों में तुम्हारी 
           आखिरी  तसवीर है ,तुम्हे जाते ही सही 
पर देखा तो है,
       मैं अपलक तुम्हारी राह तक रहीं हूँ 
इससे पहले कि लोग इस उर्मिला को  
         खुली आँखों के साथ अंतिम विदा करें 
तुम अपना वादा निभा जाओ,
       क्योंकि तब मैं तुम्हे 
तुम्हारा रास्ता निहारती नहीं मिल पाऊँगी 
      इसलिए जल्द अपना वादा निभा कर 
मुझे इस जीवन से मुक्ति दिलाओ 
      कोई मुझे बेवफा के नाम से ना पुकारे 
ना मुझे और ना तुम्हे........

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