About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Sunday, September 18, 2011

तेरा प्यार

आज की रात
    बहुत इंतज़ार के बाद आई है
आज मैं चंद्रमा की
         सफ़ेद चादर ओढ़े हूँ
आज की रात मेरी
             आँखों में बस आई है
सुबह तो सूर्य की भी
         आँखे लाल लाल थीं
वो भी मेरे जाने पर
    इतना दुःखदाई था
तारे मेंरे माथे पे  मरवट लगाएं हैं
         चाँद मेरे माथे पे बिंदिया सा चमक गया
अब तो बस तेरे आग
       लगाने की बारी आई है,
राख हो जाउंगी तो शायद
     हवा में उडकर ही सही
तेरे सीने से लिपट जाउंगी
    तेरे सीने में सर रखने की
 कसम खाई है
आज की रात .........
         

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