मुझसे पीछा छुड़ाने वाले
क्या तुम मुझे मेरे,बीते दिन भी वापिस दे सकोगे
क्या तुम मुझे,
मेरी वही हंसी,वही अल्हडपन,वही मस्ती,
वापस दे पाओगे,
वही पुराना जोश भर पाओगे
जो कहीं तुमने बंद कमरे में
धुएंभरी रसोई में,
पीड़ा भरी रातों में,
दिन के तानो में
कहीं गुमाँ दिए हैं,
क्या वो सब वापिस कर पाओगे
क्या मेरा वही सोंदर्य,मेरा वही यौवन
दे पाओगे मुझे
मेरी रूह जो इतने बरसों
तडप तड़पकर मर चुकी है,
क्या उसे जिन्दा कर पाओगे ,
नहीं तुम कुछ नहीं कर पाओगे
सिवाय एक और जिंदगी बर्बाद करने के
क्या तुम मुझे मेरे,बीते दिन भी वापिस दे सकोगे
क्या तुम मुझे,
मेरी वही हंसी,वही अल्हडपन,वही मस्ती,
वापस दे पाओगे,
वही पुराना जोश भर पाओगे
जो कहीं तुमने बंद कमरे में
धुएंभरी रसोई में,
पीड़ा भरी रातों में,
दिन के तानो में
कहीं गुमाँ दिए हैं,
क्या वो सब वापिस कर पाओगे
क्या मेरा वही सोंदर्य,मेरा वही यौवन
दे पाओगे मुझे
मेरी रूह जो इतने बरसों
तडप तड़पकर मर चुकी है,
क्या उसे जिन्दा कर पाओगे ,
नहीं तुम कुछ नहीं कर पाओगे
सिवाय एक और जिंदगी बर्बाद करने के
GREAT................
ReplyDeleteESE HI AAGE BHI COM. KARTI REHNA,SHUKRIYA.
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