हमेशा एक डर बना रहता है ,कि कोई मुझे तुम से अलग ना कर दे.
क्योंकि
कभी तुम मुझे रात का ख्वाब लगते हो,जो सुबह आँख खुलते ही मुझसे दूर हो जायेगा,
कभी सूर्य की किरन लगते हो,जो शाम होते ही मुझसे अपनी रौशनी ले जायेगी .
कभी चाँद लगते हो,जो सुबह में अपनी शीतलता ले जायेगा.
कभी हवा लगते हो जो मुझे अपना स्पर्श कराके विरह की अग्नि में झुलसाएगी,
क्यों मुझे इतने अच्छे लगते हो कि मेरा डर मुझे चैन से -----
इतना विश्वास,इतना अपनापन शायद किसी से ना पाती .
प्यार,दोस्ती,लाड,विस्वास,अपनापन सब कुछ तुझी में है,
अपने से ज्यादा करीब मैने तुम्हे पाया है,
कहीं तुम बदल ना जाना,
मुझे अकेला छोड़ न जाना,शा जब तक मेरी आँख बंद ना हो,
तुम ऐसे ही रहना .../
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