About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Friday, September 16, 2011

परिचय

आ बैठ
       आज मैं तुझसे तेरा परिचय करवाऊं,
तू है मेरे आँचल की खुशबू
      तुझको मैं सहला दूँ,
तेरे लम्बे बालों में मैं गजरा एक लगा दूँ
      चाँद तारे तेरे माथे पर
बिंदिया से सजा दूँ,
          दुनियां की तो बात ही क्या
तू तो परियों को भी लजा दे,
    आ बैठ ,आज तुझसे मैं
तेरा परिचय करवा दूँ
      तू है इस दुनियां की जननी
तुझ सा दम यहाँ कौन भरे
         तू तो है एक सृष्टि रचयिता
तुझसे कौन दंभ भरे 
         तू है इस दुनियां को सिर्फ देने वाली
तू क्यों तानो से डरे
        तू मरों में प्राण डाल दे
अपने जीने से क्यूँ डरे ,
   तुझे कोई क्या दे सकता है ,
तू खुद सबकी झोली भरे,
      आ बैठ ,आज तुझसे मैं तेरा परिचय करा दूँ,
तू तो है खुदा के बराबर
    तू फिर क्यों लजाती है,
सबको खाना  देने वाली
     अन्नपूर्णा कहलाती है,
सबके दुःख बाँटने वाली
     तू क्यों दुख्यारी कहलाये.......  
आ बैठ ..........



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