तू कौन है, तू क्या है,
कभी शीशे में शक्ल देखी है,
पढ़ी-लिखी भी हो जरा सी
अपनी आवाज़ सुनी है,जेसे फंटा बांस
अरे,तुम्हे तो चलना भी नहीं आता
लाइफ में कुछ कर सकती हो,
है कौन तू
मैं ,मैं वही हूँ,
जिसके लिए तुमने अपनी नस काट ली थी
मैं वही हूँ जिसमे तुम्हे रति नज़र आती थी
मेरी शक्ल में राधा की छवि दिखती थी
मुझे देखने को घंटों मेरे घर के बाहेर खड़े रहते थे
मेरी आवाज़ में तुम्हे मंदिर के घंटे सुनाई पड़ते थे ,
कभी शीशे में शक्ल देखी है,
पढ़ी-लिखी भी हो जरा सी
अपनी आवाज़ सुनी है,जेसे फंटा बांस
अरे,तुम्हे तो चलना भी नहीं आता
लाइफ में कुछ कर सकती हो,
है कौन तू
मैं ,मैं वही हूँ,
जिसके लिए तुमने अपनी नस काट ली थी
मैं वही हूँ जिसमे तुम्हे रति नज़र आती थी
मेरी शक्ल में राधा की छवि दिखती थी
मुझे देखने को घंटों मेरे घर के बाहेर खड़े रहते थे
मेरी आवाज़ में तुम्हे मंदिर के घंटे सुनाई पड़ते थे ,
मेरी चाल मोरनी और मेरी आँखे हिरन की सी लगती थी,
मैं वही हूँ,वही हूँ मैं .
पहले लड़की थी किसी दूसरे की, और अब ,
अब एक औरत हूँ ,
जो गलती से तुम्हारी बीबी कहलाती है...
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