About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Thursday, September 22, 2011

चेहरा

बहुत समय के बाद आइने के सामने आई तो
आइने के सामने खड़ी
     देख रही हूँ
एक कांतिहीन-मुर्झाई सी एक आकृति
      वो अजीब सी धुंधली सी मूरत
बेतरतीब से कपड़े,उलझे से बाल
     जो शायद अपनी पहचान तक खो बैठे हैं
कोई जानी-पहचानी सी
     तस्वीर सा खड़ा है कोई,मूरत बनके
पर,कौन है,पहचान नही पा रही हूँ
      वैसे तो आइने में खुद की ही झलक दिखती है,
फिर ये मेरी जगह कौन है,क्या ये मैं हूँ?
                   नही,ये मैं तो हो ही नही सकती,
मैं तो सर्दी की गुनगुनी धूप सी हूँ,
          गर्मी की छाँव हूँ,हरदम मुस्काती माँ की परी हूँ.
और जो सामने आइने में है,
    वो तो कोई पतझड का रूप लिए है,
बिना फूल का ठूँठ सा पेड़ है जिसमे
 हरियाली का नामोनिशान तक नही,
                 ये कौन मेरे आइने में है जो मुझे
मेरी ही सूरत नही देखने दे रही.....

No comments:

Post a Comment