तुम्हे मेरी कसम है
मेरे मरने पर तुम ना रोना
मुझे डर है कि कहीं
तुम्हारे आंसुओं में भीग कर
मैं जल ही ना पाऊं
और जबतक मैं खाक नहीं होउंगी
तो मुझे गंगा में कैसे बहाओगे
वहीँ तो हमारा मिलन होगा
जब मैं गंगा में बहूँगी और
तुम्हारी चमक मेरे अंग अंग को
स्पर्श करेगी,
तो प्रिये,तुम्हे चमकना है,
हमारे मिलन के लिए,
तुम ना रोना ..तुम ना रोना ......
मेरे मरने पर तुम ना रोना
मुझे डर है कि कहीं
तुम्हारे आंसुओं में भीग कर
मैं जल ही ना पाऊं
और जबतक मैं खाक नहीं होउंगी
तो मुझे गंगा में कैसे बहाओगे
वहीँ तो हमारा मिलन होगा
जब मैं गंगा में बहूँगी और
तुम्हारी चमक मेरे अंग अंग को
स्पर्श करेगी,
तो प्रिये,तुम्हे चमकना है,
हमारे मिलन के लिए,
तुम ना रोना ..तुम ना रोना ......
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